महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव को लेकर कांग्रेस की ओर से लगाए गए आरोपों पर चुनाव आयोग ने एक बार फिर जवाब दिया है. कांग्रेस के वरिष्ठ नेता राहुल गांधी द्वारा हाल में उठाए गए सवालों के बाद चुनाव आयोग ने अपनी पहले दी गई प्रतिक्रिया को दोहराते हुए स्पष्ट किया कि चुनाव पूरी पारदर्शिता और नियमों के तहत संपन्न हुआ था. राहुल गांधी ने महाराष्ट्र चुनाव को लेकर मैच फिक्सिंग का आरोप लगाया था.

चुनाव आयोग ने तथ्यों के आधार पर कांग्रेस के आरोपों का खंडन किया और कहा कि मतदाता सूची, मतदान प्रक्रिया और गिनती सभी जनप्रतिनिधित्व अधिनियम, 1950 और निर्वाचक रजिस्ट्रीकरण नियम, 1960 के अनुरूप संपन्न हुई. आयोग ने जोर देकर कहा कि वोटिंग प्रक्रिया में किसी भी तरह की अनियमितता की बात तथ्यात्मक रूप से गलत है.

राहुल गांधी के सवालों पर आयोग ने दिया जवाब
कांग्रेस की ओर से दावा किया गया था कि अंतिम दो घंटों में असामान्य रूप से बड़ी संख्या में वोट पड़े. इस पर चुनाव आयोग ने आंकड़ों के आधार पर स्थिति स्पष्ट की. आयोग के अनुसार, सुबह 7 बजे से शाम 6 बजे तक 6,40,87,588 मतदाताओं ने मतदान किया. इस औसत के हिसाब से हर घंटे लगभग 58 लाख मत पड़े. अंतिम दो घंटों में लगभग 116 लाख मतदाताओं के मतदान की संभावना बनती है, जबकि कांग्रेस द्वारा उठाया गया 65 लाख वोट का आंकड़ा औसत के मुकाबले कम ही है. ऐसे में इसे असामान्य बताना तथ्यात्मक रूप से गलत है.

आयोग ने यह भी स्पष्ट किया कि हर मतदान केंद्र पर उम्मीदवारों और राजनीतिक दलों द्वारा नियुक्त एजेंटों की मौजूदगी में ही मतदान हुआ. कांग्रेस या उनके अधिकृत एजेंटों ने मतदान प्रक्रिया के दौरान या अगले दिन रिटर्निंग ऑफिसर (RO) और चुनाव पर्यवेक्षकों के समक्ष किसी भी तरह की अनियमितता को लेकर कोई आपत्ति दर्ज नहीं कराई.

वोटर लिस्ट की पारदर्शिता पर दी सफाई
वोटर लिस्ट को लेकर भी कांग्रेस ने सवाल उठाए थे, जिस पर आयोग ने बताया कि भारत में सभी वोटर लिस्ट जनप्रतिनिधित्व अधिनियम, 1950 और निर्वाचक रजिस्ट्रीकरण नियम, 1960 के तहत तैयार होती है. महाराष्ट्र की फाइनल वोटर लिस्ट, जिसमें 9,77,90,752 मतदाता शामिल थे, सभी राजनीतिक दलों को उपलब्ध कराई गई थी. इस सूची के संबंध में केवल 89 अपीलें जिलाधिकारी (DM) के पास और एक अपील राज्य के मुख्य निर्वाचन अधिकारी (CEO) के पास दर्ज की गई थी.