शिवपुरी (मध्यप्रदेश)। शिवपुरी जिले में 7 महीने के मासूम बच्चे के अपहरण के सनसनीखेज मामले में स्थानीय अदालत ने शुक्रवार को अहम फैसला सुनाते हुए दो आरोपियों को सात-सात साल के कठोर कारावास की सजा सुनाई है। इस पूरे मामले की तह तक पहुंचने और अपहरणकर्ताओं को सलाखों के पीछे पहुंचाने में एसआई प्रियंका पाराशर की भूमिका निर्णायक रही।

क्या थी घटना?

यह चौंकाने वाली घटना 27 अगस्त 2023 को दोपहर करीब 1 बजे की है। शिकायतकर्ता ने बताया कि उस समय घर पर केवल उनकी बड़ी बहन मौजूद थीं। तभी एक महिला घर आई और पानी मांगा। जब बहन रसोई में पानी लेने गईं, तो महिला ने बातचीत में उन्हें उलझाए रखा। इसी दौरान एक 19 वर्षीय युवक मोटरसाइकिल पर आया, बहन को धक्का दिया और 7 महीने के बच्चे को उठाकर फरार हो गया।

पुलिस ने तेजी से की कार्रवाई

घटना की सूचना मिलते ही स्थानीय पुलिस ने बिना देरी के मामला दर्ज किया और एसआई प्रियंका पाराशर को जांच की जिम्मेदारी सौंपी गई। उन्होंने अपनी टीम के साथ मिलकर इस मामले को गंभीरता से लिया और हर संभावित सुराग की कड़ी से कड़ी जोड़ते हुए राजस्थान तक पहुंचीं। यहां से जान्हवी रानी रामेश्वर लोधी (लगभग 35 वर्ष) और सुनील पुत्र रामेश्वर लोधी (लगभग 21 वर्ष) को गिरफ्तार किया गया।

अदालती कार्यवाही और फैसला

शिवपुरी न्यायालय में मामले की सुनवाई के दौरान पुलिस द्वारा जुटाए गए साक्ष्यों और गवाहों के आधार पर अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश राजेश कुमार अग्रवाल ने दोनों आरोपियों को धारा 363 (अपहरण) एवं अन्य धाराओं के तहत दोषी मानते हुए 7-7 साल के कठोर कारावास की सजा सुनाई।

एसआई प्रियंका पाराशर की सराहना

इस मामले में एसआई प्रियंका पाराशर की त्वरित कार्रवाई, सूझबूझ और जिम्मेदारी निभाने के तरीके की चारों ओर सराहना हो रही है। उन्होंने यह सुनिश्चित किया कि बच्चे को सही-सलामत वापस लाया जाए और दोषियों को न्याय के कटघरे तक पहुंचाया जाए।


रिपोर्ट: दीपक रावत
स्थान: शिवपुरी, मध्यप्रदेश
प्रकाशन तिथि: 1 अगस्त 2025