कोलारस अनुभाग के ग्राम राजगढ़ व सहरपुरा के जंगल में सोमवार की शाम एक चरवाहे पर तेंदुआ ने हमला कर दिया। हालांकि ग्रामीण ने फोटो देखकर जिस जानवर की पहचान की है वह चीते का है, परंतु वन विभाग के कर्मचारी क्षेत्र में चीते की लोकेशन हाेने से साफ इंकार कर रहे हैं। ग्रामीण को उपचार के लिए जिला अस्पताल भर्ती करवाया गया है। 

जानकारी के अनुसार बल्ला पुत्र माना कोरी उम्र 65 साल गांव के दो अन्य चरवाहों के साथ राजगढ़ और सहरपुरा के बीच स्थित जंगल में मवेशी चराने के लिए गया था। इसी क्रम में शाम करीब पांच बजे जब हल्की बारिश से बचने के लिए चरवाहा बल्ला कोरी एक पेड़ के नीचे बैठा था, तभी करीब 20 फीट की दूरी से एक जंगली जानवर ने तेजी से दौड़ कर छलांग लगाते हुए उस पर हमला कर दिया। बल्ला ने इस दौरान चीखना शुरू किया परंतु उसके साथी चरवाहे कुछ दूरी पर थे, ऐसे में मदद मिलने की आस छोड़ चुके बल्ला ने एक हाथ में पकड़ी लाठी से हमलावर जानवर को पीटना शुरू कर दिया। लाठी से पिटाई होने पर हमलावर जानवर वहां से भाग गया। साथी चरवाहे उसे गांव लेकर आए। गांव से ग्रामीण के स्वजन उसे जिला अस्पताल लेकर पहंचे। ग्रामीण का उपचार जारी है। ग्रामीण पर हमला करने वाले जानवर की पहचान के लिए उसे जंगली बिल्ली, तेंदुआ और चीता के फोटाे दिखाए गए। फोटो देखकर ग्रामीण ने हमलावर जानवर की पहचान चीते के रूप में की है। वहीं वन विभाग के डिप्टी रेंजर गिरीश नामदेव का कहना है कि क्षेत्र में चीता की लोकेशन नहीं है। ऐसे में संभावना है कि हमला तेंदुआ के बच्चे ने किया हो, क्योंकि चरवाहा उसकी ऊंचाई करीब डेढ़ फीट और लंबाई करीब दो फीट बता रहा है। डिप्टी रेंजर का कहना है कि इसके बावजूद सुबह ग्रामीण को जंगल ले जाकर हमलावर जानवर के फुट मार्क देख लेंगे, जिससे स्पष्ट हो जाएगा कि हमलावर जानवर कौन है।