टीबी से ग्रसित मरीज दवाइयां बीच में छोड़ें: डा. व्यास
शिवपुरी ! ब्यूरो नेटवर्क इंडिया न्यूज
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शक्तिशाली महिला संगठन शिवपुरी के द्वारा महिला बाल विकास विभाग व स्वास्थ्य विभाग के सहयोग से आदिवासी बस्ती नया बलारपुर के आंगनबाड़ी केंद्र पर कुपोषित बच्चों व गर्भवती माताओं में टीबी की जांच के लिए स्वास्थ्य शिविर व सह जागरुकता कार्यक्रम आयोजित किया गया। डॉ. आशीष व्यास ने टीबी से ग्रसित लोगों का परीक्षण किया। उन्हें टीबी रोग से बचाव व नियंत्रण की जानकारी दी।
उन्होंने बच्चों के पालको को बताया कि अगर आपके घर में या आस पास किसी को भी 15 दिन से अधिक समय तक खांसी, बुखार, गले में गठान या भूख न लगना तथा वजन में कमी आना के लक्षण दिखे तो वह अपनी टीबी की जांच जरूर कराएं। इसके साथ ही अगर बच्चा कुपोषित है और उसकी रोग प्रतिरोधक क्षमता कमजोर है तो उसमें टीबी व अन्य बीमारी होने की संभावना काफी बढ़ जाती है इसलिए हमको ऐसे बच्चों के पोषण पर विशेष ध्यान देने की आवश्यकता है।
उन्होंने कहा कि जो किशोरियों महावारी में गंदे कपड़े का उपयोग करती हैं। उनमें आगे जाकर बांझपन की समस्या या उनको गर्भाशय कैंसर की समस्या हो सकती है। इसलिए किशोरी बालिकाओं को केवल सेनेटरी नैपकिन का ही उपयोग करना चाहिए। उन्होंने शक्तिशाली महिला संगठन द्वारा किशोरी बालिकाओं को निःशुल्क सेनेटरी पैड देने की मुहिम स्वागत योग्य है। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि जिला कार्यक्रम अधिकारी महिला बाल विकास डीके सुंदरियाल ने राष्ट्रीय पोलियो दिवस के अवसर पर एक बच्चे को पोलियो की दवा पिलाई व कुपोषित बच्चों के लिए लगाए शिविर में पालको से कहा कि आंगनबाड़ी केंद्र पर कुपोषित बच्चों के लिए जो सेवा दी जा रही हैं। उनका लाभ अनिवार्य रूप से ले और अपने बच्चों को स्वस्थ बनाएं। कार्यक्रम में किशोरी बालिकाओं के लिए हर महीने सेनेटरी नैपकिन देने की मुहिम का भी शुभारंभ किया गया। कार्यक्रम में डॉ. आशीष व्यास ने कहा कि टीबी की बीमारी से ग्रसित मरीजों द्वारा बीच में दवाई के सेवन बंद कर दिया जाता है ऐसा नहीं करना चाहिए। उन्होंने आशा कार्यकर्ताओं को निर्देशित किया कि अब आपको प्रोत्साहन राशि के रूप में प्रति मरीज 250 से बढ़कर 1000 कर दिया गया है। इसलिए प्रत्येक मरीज की जांच कराओ व उसको टीबी की दवाइयां निःशुल्क स्वास्थ्य केंद्र से उपलब्ध कराएं।